Respiratory Syncytial Virus: FDA ने न्यू बॉर्न को RSV से बचाने के लिए वैक्सीन को दी मंजूरी, जानें क्या होगा फायदा
संयुक्त राज्य अमेरिका ऐसा पहला देश बना है जिसने गर्भवती महिलाओं के लिए एक टीके को मंजूरी दी है. ये वैक्सीन उनके शिशुओं में रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाव में काफी मददगार साबित होगा.
Image Source- ANI
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FDA ने RSV यानी Respiratory Syncytial Virus से नवजात को बचाने के लिए पहली वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. ये वैक्सीन नवजात शिशुओं को RSV के कारण होने वाली तमाम गंभीर बीमारियों से बचाने में मददगार होगा. बता दें कि हर साल अमेरिका में सैंकड़ों बच्चे Respiratory Syncytial Virus के चलते बीमार होते हैं. कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत भी आ जाती है. ये समस्या बच्चों में ऑक्सीजन की कमी भी कर सकती है, जिसके कारण वे गंभीर स्थिति में पहुंच सकते हैं.
US: FDA approves first vaccine to protect newborns from Respiratory Syncytial Virus
— ANI Digital (@ani_digital) August 22, 2023
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AFP की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका ऐसा पहला देश बना है जिसने गर्भवती महिलाओं के लिए एक टीके को मंजूरी दी है. ये वैक्सीन उनके शिशुओं में रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाव में काफी मददगार साबित होगा.
The United States on Monday became the first country to approve a vaccine for pregnant women that prevents severe disease caused by Respiratory Syncytial Virus (RSV) in their babies, reports AFP
— ANI (@ANI) August 21, 2023
क्या है RSV
RSV एक सामान्य आरएनए रेस्पिरेटरी वायरस है, जो 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है. फ्लू की तरह इसके भी मामले ज्यादातर अक्टूबर से मार्च के दौरान सामने आते हैं. इस मौसम में भारत में भी आरएसवी के मामले बच्चों में देखने को मिलते हैं. इस बीच बच्चों में खांसी, नाक बहना, बुखार, घरघराहट, भूख न लगना आदि लक्षण सामने आते हैं. कई बार आरएसवी निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस जैसी बीमारियों की वजह भी बन सकता है. इसके कारण शिशुओं और छोटे बच्चों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है क्योंकि ये वायरस फेफड़ों की छोटी कोशिकाओं के भीतर सतह की कोशिकाओं को संक्रमित करता है.
क्या हैं इससे बचाव के तरीके
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इस मामले में सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. निष्ठा सिंह कहती हैं कि इस संक्रमण से बचाने का सबसे अच्छा तरीका वैक्सीन ही है. अभी तक इसको मंजूरी नहीं मिली थी. अब मंजूरी मिलने के बाद इससे काफी मदद मिलेगी. इसके अलावा बच्चों की साफ-सफाई का ध्यान रखें. अगर किसी को खांसी, जुकाम या एलर्जी है तो उससे बच्चों को दूर रखें. बच्चों की इम्युनिटी काफी कमजोर होती है, ऐसे में उन्हें कोई भी समस्या बहुत तेजी से पकड़ती है. लक्षण दिखते ही विशेषज्ञ को दिखाएं ताकि स्थिति गंभीर न हो सके.
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